राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के घाटोल विधानसभा क्षेत्र से अशोक कुमार निनामा ने भारत आदिवासी पार्टी से अपना नामांकन पर्चा भरा हैं। अशोक कुमार भील आदिवासी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं।पिछले कई वर्षों से आदिवासी परिवार में अपना योगदान दे रहे हैं, तथा आदिवासी समाज में जन जागरण एवं अन्य मुद्दों को लेकर के संघर्ष करते रहे हैं। राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर के अनुसूचित क्षेत्र में अब त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है। चुनाव को लेकर सभी पार्टियों में कांटे की टक्कर रहने वाली हैं।
भारतीय आदिवासी पार्टी से अशोक कुमार निनामा ने अपना नामांकन दर्ज के समय विशाल जनसभा और रैली का आयोजन किया रैली में हजारों लोगों ने भाग लिया तथा बहुमत और समर्थन का परिचय दिया।
क्षेत्र में भारत आदिवासी पार्टी का प्रभाव
भारत आदिवासी पार्टी का हाल ही में गठन किया गया है। पार्टी ने अनुसूचित क्षेत्र में 17 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं इसके साथ-साथ गैर अनुसूचित क्षेत्र में भी भारत आदिवासी पार्टी से प्रत्याशी उतारे गए हैं। पार्टी ने कुल 22 विधानसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशी को निर्वाचित किया गया हैं।
पार्टी के वर्चस्व का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि इसी साल भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा के नाम से छात्र संगठन ने अनुसूचित क्षेत्र की 21 कॉलेज में अपना परचम लहराया था। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर के बड़े-बड़े दलों में हलचल मची हुई है। भारतीय आदिवासी पार्टी ने लगभग सभी विधानसभा क्षेत्र से अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं अब उनके प्रचार प्रसार हेतु जोर-शोर से तैयारीयां होने लग गई है।
पार्टी में उम्मीदवार को चयनित करने की प्रक्रिया
मेवाड़ और वागड़ क्षेत्र में सबसे बड़ा संगठन आदिवासी समाज का है, और पार्टी ने आदिवासी समाज के बैनर तले अपने प्रत्याशियों को घोषित किया है। भारत आदिवासी पार्टी के नियम के मुताबिक आदिवासी समाज के जाजम सिलेक्शन प्रणाली के माध्यम से उम्मीदवार का चयन किया जाता है। जाजम सिलेक्शन प्रणाली का मतलब समाज के बीच में समाज के द्वारा समाज के लिए उम्मीदवार घोषित करना।
भारत आदिवासी पार्टी के उदय का कारण
भारत आदिवासी पार्टी के उदय का मुख्य कारण यह है कि विभिन्न पार्टियों से कई लीडर बने लेकिन उन्होंने आज तक आदिवासी समाज की प्रमुख समस्या, मूलभूत सुविधाएं को लेकर के कभी मुद्दा नहीं उठाया। समाज की मांगों के अनुरूप कार्य न करने की वजह से तीसरी पार्टी के रूप में भारत आदिवासी पार्टी का गठन किया गया है। हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी से दो विधायको का चयन करके विधानसभा में भेजा था। अब इन दो विधायकों ने अब भारत आदिवासी पार्टी को समर्थन दे दिया है।